इलाहाबाद हाईकोर्ट से बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने विधायक राजू पाल हत्या केस की सुनवाई टालने की जा रही लगातार कोशिश को न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करार देते हुए अभियुक्त पर एक लाख रुपए हर्जाना लगाया है।और कहा है कि अभियुक्त की तरफ से केस ट्रायल डिरेल करने की लगातार कोशिश की जा रही है।जबकि हाईकोर्ट ने उमेश पाल की याचिका पर जनवरी 23महीने में ,दो माह में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया है।


कोर्ट ने कहा बचाव पक्ष की तरफ से 50 गवाहो के बयान दर्ज हो चुके हैं। इसके बावजूद तीन अतिरिक्त गवाह पेश करने की अर्जी दी गई। धारा 311की अर्जी खारिज होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई । जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया और हर्जाना राशि दो हफ्ते में आर्मी बैटिल कैजुअल्टी वेलफेयर फंड में जमा करने का निर्देश दिया है। ऐसा न होने पर कोर्ट ने जिलाधिकारी प्रयागराज को राजस्व वसूली कार्रवाई करने को कहा है।


यह आदेश न्यायमूर्ति डी के सिंह ने दिनेश पासी उर्फ दिनेश कुमार की याचिका पर दिया है। जिसमें विशेष अदालत एम पी ,एम एल ए प्रयागराज के धारा 311की अर्जी खारिज करने के 31जधवरी 23के आदेश को चुनौती दी गई थी।

कोर्ट ने कहा कि ट्रायल टालने की लगातार कोशिश की जा रही है।कई अर्जियां अधीनस्थ अदालत में दाखिल की गई और हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट तक केस किए गए। ट्रायल लंबा खींचने का प्रयास किया जा रहा है।बचाव में 50गवाह गुजर जाने के बावजूद तीन अतिरिक्त गवाहों को बुलाने की अर्जी दी गई। इससे पहले अतीक अहमद ने हाईकोर्ट में आपराधिक पुनरीक्षण दायर की थी। जोकी 19 जनवरी को खारिज हो गई थी। हाईकोर्ट ने केस ट्रायल तय करने का आदेश दिया है। फिर से गवाह बुलाने की मांग न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग ही है।

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