वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने के लिए तैयार हैं। शिक्षा क्षेत्र को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट से कई उम्मीदें हैं। एक निजी समाचार चैनल से बातचीत करते हुये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने पिछले वर्ष की तुलना मे अधिक बजट की उम्मीद जताई है। उन्होने कहा कि सरकार के पास एक निश्चित राशि उपलब्ध है जिसे उसे विभिन्न क्षेत्रों में खर्च करना है, लेकिन कहा कि शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है और सरकार गंभीरता से ध्यान दे रही है।

उन्होने कहा “पिछले दो वर्षों के दौरान, शैक्षणिक समुदायों, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों और सरकार द्वारा बहुत सारे सुधारों को पेश करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए गए हैं। इन सुधारों के सफल होने के लिए हमें शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। हमारे पास उच्च शिक्षा क्षेत्र में 15 लाख शिक्षक हैं और हमें अपनी शैक्षिक प्रक्रियाओं में बहुत सारी तकनीकों को शामिल करने की भी आवश्यकता है। इसलिए, मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार, जैसा कि वह हर साल कर रही है, शिक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन में वृद्धि करना जारी रख सकती है,”।

इस बात की तरफ इशारा करते हुए उन्होने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में पिछले वर्ष आवंटन में 6 से 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, “मुझे उम्मीद है कि इस वर्ष भी इसी तरह की प्रवृत्ति होगी और इनमें से अधिकांश धन का उपयोग ढांचागत विकास के लिए किया जाएगा।

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