लखनऊ विश्वविद्यालय

दलित छात्र रोहित वेमुला की पुण्यतिथि मनाने को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा हुआ है। पुण्यतिथि को लेकर एबीवीपी और आईसा आमने सामने आ गए। दरअसल, AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन) रोहित वेमुला की 7वीं पुण्यतिथि मनाने पर अड़ा था जबकि प्रॉक्टर ऑफिस ने अनुमति नहीं दी थी। यूनिवसिर्टी प्रशासन AISA को रोकने की कोशिश कर रहा था ऐसे मे कुछ और छात्रों ने वहां पहुंचकर यूनिवसिर्टी प्रशासन का साथ दिया तो मामला बढ़ गया।

जिसके बाद पुलिस की तैनाती के बाद दोनों छात्र गुटों को शांत कराया गया है। जानकारी के मुताबिक आयोजन के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और दूसरे छात्र संगठनों के हैं। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स मौके पर मौजूद हैं। विश्वविद्यालय कैंपस में ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगाए गए है।

दरअसल, AISA संगठन ने तेलंगाना के छात्र रोहित वेमुला की पुण्यतिथि पर 17 जनवरी को टैगोर लॉन में कार्यक्रम आयोजित करना चाहता था। इसमें बीते दिनों काशी विश्वनाथ मंदिर पर विवादित टिप्पणी को लेकर चर्चा में रहे हिन्दी विभाग के प्रोफेसर रविकांत वक्ता के रूप में आमंत्रित किए गए थे। ‘शिक्षण संस्थानों में सामाजिक भेदभाव, हिंसा और राजनीतिक हंट’ विषय पर होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर पर्चे भी बांटे गए।

AISA उपाध्यक्ष निखिल के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी। इस बीच सोमवार को चीफ प्रॉक्टर प्रो० राकेश द्विवेदी ने AISA संयोजक अंजलि और सह-संयोजक समर के खिलाफ नोटिस जारी कर दी है।

मंगलवार को रोहित वेमुला के कार्यक्रम के लिए सुबह से AISA या के छात्र परिसर में इकट्‌ठा हो रहे थे। AISA समर्थक स्टूडेंट्स ने गेट नंबर-5 से पहले विरोध मार्च निकाला, लेकिन उसे प्रॉक्टोरियल टीम और पुलिस ने बीच रास्ते में रोक दिया। इसके बाद AISA से जुड़े स्टूडेंट्स नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसी बीच, वहां एक छात्रों का गुट पहुंचा। जोकि विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले के पक्ष में था। इसी बीच दोनों छात्रों के गुटों के बीच नोक-झोंक हो गई।

लखनऊ विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर डॉ० राकेश द्विवेदी ने बताया कि विश्वविद्यालय में किसी आयोजन से पहले अनुमति लेना आवश्यक होता हैं। AISA से जुड़े स्टूडेंट्स रोहित वेमुला की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित करना चाहते थे। पर फिलहाल लखनऊ विश्वविद्यालय में कॉन्वोकेशन वीक का आयोजन किया जा रहा हैं। 21 जनवरी को 65 वां कॉन्वोकेशन हैं। इसके चलते अन्य कार्यक्रमों पर रोक हैं। यही कारण रहा कि AISA को अनुमति नही मिली।

AISA बिना अनुमति के ही कार्यक्रम करने लगा। तब विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से उसे रोका गया। इस बीच आयोजन के विरोध में भी दूसरा गुट सामने आ गया। दो गुटों के आमने-सामने होने से थोड़ा बहुत नारेबाजी हुई पर बाद में सभी छात्र मान गए। विश्वविद्यालय के माहौल को किसी भी सूरत में बिगड़ने नही दिया जाएगा।

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