आज टाटा समूह को पूरी दुनिया में पहचान मिल चुकी है। इस ग्रुप को टॉप पर ले जाने वाले दिग्ग्ज उद्योगपति रतन टाटा (Indian industrialist Ratan Tata) का बुधवार को निधन हो गया। रतन नवल टाटा ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल (hospital in Mumbai) में 86 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर उनके घर से गुरुवार की सुबह दक्षिण मुंबई स्थित राष्ट्रीय प्रदर्शन कला केंद्र (एनसीपीए) ( South Mumbai’s National Centre for Performing Arts (NCPA)) ले जाया गया। सफेद फूलों से सजे वाहन में उनका पार्थिव शरीर एनसीपीए ले जाया गया, जहां लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। उनका अंतिम संस्कार आज शाम मुंबई के वर्ली इलाके में किया जाएगा। रतन टाटा के निधन के बाद अब चर्चा इस बात की है कि उनकी विरासत को कौन संभालेगा.आइए देखते हैं कि रतन टाटा के बाद उनकी विरासत को कौन संभालेगा.
रतन टाटा ने अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया था.ऐसे में उनके ट्रस्ट ट्रस्टियों में से ही एक अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा. टाटा समूह के दो मुख्य मुख्य ट्रस्ट हैं- सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट. इन दोनों ट्रस्टों की संयुक्त रूप से टाटा समूह की मूल कंपनी टाटा संस में करीब 52 फीसदी हिस्सेदारी है.टाटा संस की टाटा समूह की कंपनियों का संचालन करता है. यह समूह विमानन से लेकर एफएमसीसी तक के पोर्टफोलियो को संभालता है. दोनों ट्रस्टों में कुल 13 ट्रस्टी हैं. इनमें से लोग दोनों ट्रस्टों में ट्रस्टी हैं. इनमें पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह, ऑटोमोबाइल क्षेत्र के दिग्गज वेणु श्रीनिवासन,रतन टाटा के सौतेले भाई और ट्रेंट के चेयरमैन नोएल टाटा, व्यवसायी मेहली मिस्त्री और वकील डेरियस खंबाटा के नाम शामिल हैं.
रतन टाटा वह शख्स थे जिन्होंने बड़े अधिग्रहणों के साथ एक स्थिर और विशाल भारतीय समूह को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। टाटा समूह ने बुधवार देर रात एक बयान में उनके निधन की जानकारी दी। रतन टाटा 86 वर्ष के थे। मुंबई के एक अस्पताल की आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था। टाटा समूह 2023-24 में 13 लाख 85 हजार करोड़ रुपये के राजस्व के साथ दुनिया के सबसे बड़े उद्योग समूहों में से एक है।