मध्य प्रदेश के मुरैना में हुए भीषण हादसे में वायुसेना के दो फाइटर प्लेन सुखोई 30 और मिराज 2000 क्रैश हो गए हैं। दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी और दोनों विमान अभ्यास उड़ान पर थे। अभी हादसे की वजह पता नहीं चल सकी है, जो जांच के बाद ही पता चल सकेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हादसे के वक्त सुखोई 30 में दो पायलट और मिराज 2000 में एक पायलट सवार था। रिपोर्ट्स के अनुसार, दो पायलट सुरक्षित हैं और तीसरे पायलट के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है। एयरफोर्स ने हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं। यह हादसा भारतीय वायुसेना के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है।

फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट द्वारा निर्मित मिराज 2000 फाइटर जेट भारतीय वायुसेना के टॉप फाइटर जेट में से एक है। यह विमान पहली बार साल 1985 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बना था। भारतीय वायुसेना के पास 50 मिराज 2000 फाइटर जेट हैं। सिंगल शाफ्ट इंजन SNECMA M53 से लैस यह विमान सिंगल सीटर है। मिराज 2000 की लंबाई 14.36 मीटर, पंखों समेत चौड़ाई 91.3 मीटर है। इस प्लेन का कुल वजन 7500 किलोग्राम है, जो कुल 17 हजार किलोग्राम वजन को लेकर उड़ान भर सकता है। मिराज 2000 फाइटर प्लेन की कीमत करीब 167 करोड़ रुपए है।

सुखोई-30 चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है, जिसके आधुनिक वर्जन सुखोई 30एमकेआई को रूस की कंपनी सुखोई और भारतीय कंपनी एचएएल ने मिलकर विकसित किया है। दो सीटों वाला यह मल्टी रोल फाइटर जेट दुनिया के सक्षम लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। इस विमान में दो टर्बोजेट इंजन लगे हैं, जो अधिकतम 2120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। सुखोई 30 एमकेआई के एक विमान की कीमत करीब 62 मिलियन डॉलर है।

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