रामचरित मानस को लेकर जारी विवाद मे अब एक नयी एंट्री हो गयी है। भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर ने स्वामी प्रसाद मौर्य और प्रो० चंद्रशेखर के बयान का समर्थन किया है। मऊ मे पत्रकारो से बातचीत मे उन्होने कहा की अब समय आ गया है की रामचरित मानस मे दलितो, महिलाओ और शूद्रो का जो अपमान किया गया है, उसे हटाने का समय आ गया है। चन्द्रशेखर ने कहा की वर्तमान समय मे सभी समाज के लोग शिक्षित और जागरूक हो गए है। अब किसी समाज का अपमान नहीं किया जा सकता है।

मऊ मे पत्रकारो के सवाल का जवाब देते हुये भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा की उत्तर प्रदेश मे कानून व्यवस्था भाजपा नेताओ के चौखट पर दम तोड़ रही है। उन्होने सरकार पर शिक्षक भर्ती मे घोटाला और युवाओ के साथ भाजपा के व्यवहार को छलावा बताया है। चंद्रशेखर ने कहा की वे स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन करते है। उन्होने भारतीय संविधान को भारत का धर्मग्रंथ कहा है। उन्होने कहा की संविधान ने सभी को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है।

दरअसल, हिन्दी भाषी राज्यो मे तुलसीदास के लोकप्रिय महाकाव्य रामचरित मानस को लेकर विवाद छीड़ा है। बिहार सरकार मे शिक्षा मंत्री प्रो० चंद्रशेखर के रामचरित मानस को महिलाओ और दलितो के विरोधी बताया जाने के बाद सियासत तेज हुई है। बिहार के बाद उत्तर प्रदेश मे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरित मानस को पिछड़ो, दलितो और महिला विरोधी बताते हुये बैन करने की मांग की है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीतिक बयानबाजी तेज हुई है। संतो ने स्वामी प्रसाद को आड़े हाथो लिया, लेकिन पार्टी ने उन्हे राष्ट्रीय महासचिव जैसे भारी भरकम पद से नवाजा है। अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद को लेकर पुछे गए सवाल के जवाब मे कहा की उन्होने स्वामी प्रसाद को जातीय जनगणना पर तेजी से काम करने के लिए कहा है।

रामचरित मानस को लेकर जारी विवाद के बीच भाजपा के बड़े नेताओ ने अभी तक इस मसले पर चुप्पी नहीं तोड़ी है। राजनीतिक जानकारो का मानना है की प्रदेश की राजनीति दोबार 90 के दशक मे प्रवेश करती दिख रही है।

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