इजरायल और फलिस्तीन के बीच जारी युद्ध ने फलिस्तीनी नागरिकों की चुनौती को बढ़ा दिया है। दुनिया के किसी भी देश ने अभी तक फलिस्तीन में जारी मानवीय संकट को लेकर अलग बयान नहीं दिया हैं। पश्चिमी देश इयजरायल के साथ तो मुस्लिम देशों में कुछ स्पष्ट तौर पर हमास के साथ खड़े है। अमेरिका विरोधी देश हमास का समर्थन कर रहे है।

इजरायल सरकार ने युद्ध की का ऐलान कर फलिस्तीन में गहरा मानवीय संकट पैदा कर दिया है। यूएन की तरफ से गाजा में मानव कारीडोर बनाकर महत्वपूर्ण सामानो की सप्लाई जारी रखे जाने की मांग की गयी है। लेकिन इयजरायली सेना ने गाजा को पूरी तरह से बंद कर दिया है, गाजा में लोग खाने और पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओ से अछूते रह रहे है। इजरायल और फलिस्तीन के बीच संघर्ष का आज आठवा दिन है।

इजरायल- फलिस्तीन संघर्ष की प्रमुख बिन्दु

इजरायली हमले में गाजा में अब तक 2215 लोगो की मौत और 8700 से अधिक लोग घायल हैं।

वेस्ट बैंक में अब तक 53 लोगो की मौत और 1100 से अधिक लोग घायल है।

इजरायली हमले में मरने वालों में बड़ी संख्या में महिलाए और बच्चे भी शामिल है।
हमास के हमले में इजरायल के अब तक 1300 लोगो की मौत और 3500 से अधिक लोग घायल है।

गाजा में इजरायली सेना के हमले में 4 लाख से अधिक फलिस्तीनीओ को अपना घर छोडना पड़ा है।

इजरायली सेना के मुताबिक इजरायल ने 6 दिनों में 6 हजार बम गाजा पर गिराए है।

गाजा की आबादी लगभग 2.3 मिलियन है जो दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक में रहती है। भूमध्यसागरीय तट पर इज़राइल और मिस्र के बीच स्थित यह पट्टी लगभग 365 वर्ग किमी (141 वर्ग मील) है। इज़राइल ने गाजा के हवाई क्षेत्र और क्षेत्रीय जल पर सख्त नियंत्रण बनाए रखा है और गाजा के अंदर और बाहर माल और लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया है।

हमास के हमले के बाद, इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा को “निर्जन द्वीप” में बदलने की धमकी दी है और इसके निवासियों को “अभी चले जाने” की चेतावनी दी है।

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