माफिया अतिक अहमद को लेकर पुलिस कुछ ही देर मे गुजरात से लेकर प्रयागराज के लिये निकलने वाली है। माफिया को पुलिस सड़क मार्ग से प्रयागराज ला रही है। साबरमती से प्रयागराज की दूरी 1300 किलोमीटर के लगभग है। ऐसे मे अतिक की गाड़ी पलटने की संभावना भी जताई जाने लगी है। कानपुर के विकास दुबे कांड के बाद से यूपी मे गाड़ी पलटना एक चर्चा का विषय बना हुआ है। आज जब अतिक के सड़क मार्ग से प्रयागराज आने की सूचना सोशल मीडिया पर फैली है तो लोग गाड़ी पलटने की चर्चा मे दिलचस्पी दिखा रहे है। उमेश पाल हत्याकांड मे अतिक अहमद पर मुख्य साजिशकर्ता का आरोप लगा है। उमेश पाल हत्याकांड मे अतिक के पूरे परिवार पर मामला दर्ज है। अतिक का पूरा कुनबा इनामिया हो गया है। अतिक के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दायर कर यूपी मे जान का खतरा बताया है। भाजपा नेताओ ने दावा किया की गुजरात से आते समय रास्ते मे गाड़ी पलट भी सकती है।

उमेश पाल के अपहरण मामले में 28 मार्च को फैसला आना है। इस मामले में अतीक अहमद पर भी आरोप है। किडनैपिंग केस में अतीक अहमद फैसले के समय कोर्ट में मौजूद रहेगा। इसलिए यूपी पुलिस की टीम अतीक अहमद को लेने गुजरात पहुंच गई है। इस क्रम में रविवार की सुबह अतीक अहमद का मेडिकल कराया गया है। जिसके बाद उसे वापस लाने की तैयारी चल रही है। संभावना जताई जा रही है कि उसे एसटीएफ की टीम देर शाम तक लेकर प्रयागराज के लिये रवाना हो सकती है। अतिक को सुरक्षित प्रयागराज लाने के लिये 45 सदस्यीय टीम साबरमती जेल मे मौजूद है। इनमे 1 आईपीएस , 3 डीएसपी के अलावा 40 पुलिस कांस्टेबल शामिल है। बताया जा रहा है अतिक को लेकर एसटीएफ़ 27,28 मार्च की रात में प्रयागराज पहुचेगी, 28 मार्च को अतिक अहमद को कोर्ट मे पेश किया जाना है।

दरअसल, उमेश पाल उमेश पाल अपहरण मामले में 28 मार्च को फैसला सुनाया जाना है। इस केस में अतीक अहमद का भी नाम है। हालांकि पिछली सुनवाई के समय कोर्ट में फैसला सुरक्षित रखा गया था। जिसके बाद सूत्रों का दावा है कि आज किसी भी वक्त पुलिस उन्हें लेकर सूरत से रवाना हो सकती है। खास बात ये है कि बीते दिनों यूपी पुलिस ने कोर्ट से अतीक अहमद को वापस यूपी लाने की इजाजत मांगी थी।

जबकि दूसरी ओर अतीक अहमद के परिवार के ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले यूपी पुलिस के फैसले को चुनौती दी गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि अतीक अहमद की जान को यूपी में खतरा है। ऐसे में इस फैसले पर रोक लगाई जाए, हालांकि इस मामले की सुनवाई अप्रैल में होने वाली है।

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