swami prasad maurya

समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर लोकसभा चुनाव 2024 का संतुलन बनाने की कोशिश की है। समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी मे इस बार अतिपीछ्ड़ों, को विशेष स्थान दिया गया है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से समाजवादी पार्टी मे विलय हुये शिवपाल यादव को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान , स्वामी प्रसाद मौर्या समेत दर्जन भर से अधिक नेताओ को राष्ट्रीय महासचिव की ज़िम्मेदारी दी गयी है।

सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पार्टी के 62 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची साझा की गयी है। सूची के अनुसार, फिर अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष, किरणमय नंदा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राम गोपाल यादव को राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव बनाया गया है। इसके अलावा मोहम्मद आजम खां, शिवपाल सिंह यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, रवि प्रकाश वर्मा, बलराम यादव सहित 14 राष्ट्रीय महासचिव होंगे। सुदीप रंजन सेन पार्टी के कोषाध्यक्ष होंगे, जबकि सदस्यों के अलावा 19 राष्ट्रीय सचिव होंगे।

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद शिवपाल सिंह यादव ने पिछले वर्ष के आखिरी महीने में मैनपुरी में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया। चुनाव में सपा की भारी जीत के बाद उन्होंने पार्टी का झंडा थाम लिया। उन्होंने 2018 में अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया था और 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े थे। हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के बीच नजदीकी होने के बाद शिवपाल ने सपा के ही निशान पर विधानसभा चुनाव लड़ा। जसवंतनगर से विधायक बनने के बाद फिर से अखिलेश यादव से उनकी दूरी हो गयी थी।

मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव से अखिलेश यादव मैनपुरी उपचुनाव में चौथी बार मतभेद दूर कर एक हुए थे। इसके बाद से चाचा-भतीजा के रिश्ते मजबूत हुए हैं। सपा की कार्यकारिणी में राम चरित मानस पर विवादित बयान देने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य को भी राष्‍ट्रीय महासचिव के रूप में महत्वपूर्ण पद मिला है। दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले रविवार को एक बयान में श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए इसे महिलाओं तथा पिछड़ों के प्रति अपमानजनक करार दिया था। इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। उनके इस बयान पर खासा विवाद उत्पन्न हो गया था। संत समाज और हिन्दूवादी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया था। इस मामले में मौर्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है।

इसके अलावा 2022 के चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी छोड़कर सपा में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को भी राष्‍ट्रीय महासचिव बनाया गया है। सपा में विशंभर प्रसाद निषाद, अवधेश प्रसाद, इंद्रजीत सरोज, रामजीलाल सुमन, जो एंटोनी, हरेंद्र मलिक और नीरज चौधरी को भी राष्‍ट्रीय महासचिव का दायित्व सौंपा गया है। डॉ. मधु गुप्ता, कमाल अख्‍तर, दयाराम पाल, राजेंद्र चौधरी, राजीव राय, राम बख्‍श वर्मा, अभिषेक मिश्रा, जावेद आब्दी, रमेश प्रजापति, पीएन चौहान, आकिल मुर्तजा, अखिलेश कटियार, रामआसरे विश्वकर्मा, तारकेश्वर मिश्रा, हाजी इरफान अंसारी, रामराज पाल, त्रिभुवन दत्त, राममूर्ति वर्मा और वीरपाल यादव को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है।

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