
बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी ताकत झोंक दी हैं। बिहार में कांग्रेस पार्टी 24 सितंबर को अपनी कार्यसमिति की बैठक करने जा रही है। पार्टी की बैठक पटना स्थित सदाकत आश्रम, राज्य पार्टी मुख्यालय में होगी। इसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान समेत कई नेता शामिल होंगे।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, इस बैठक में ‘वोट चोरी’ के आरोपों के साथ-साथ बढ़ते अपराध, बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस बिहार में बिहार की बात करेगी, लेकिन साथ ही बिहार में रहकर पूरे देश की भी बात करेगी। राज्य में बेरोजगारी, महंगाई, बढ़ते अपराध, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे मुद्दे हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई सवाल हैं, जैसे ट्रंप के सामने युद्धविराम या आत्मसमर्पण।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री “जनता की समस्याओं के समाधान में रुचि नहीं रखते।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस कार्यसमिति बिहार में इन मुद्दों पर चर्चा करेगी। मोदी जी पिछले 11 सालों में भी समस्याओं का हल ढूंढने में रुचि नहीं दिखाते। मोदी जी वैसे छात्र की तरह हैं जो मेहनत और पढ़ाई से अंक पाने में विश्वास नहीं रखते बल्कि चीटिंग करके पास होना चाहते हैं।”
इससे पहले कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने भरोसा जताया था कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के तुरंत बाद बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। मीडिया से बातचीत में कहा, “यह बहुत जल्दी हो जाएगा। किसी प्रकार की कठिनाई नहीं है। सभी दल एकजुट हैं और सभी का उद्देश्य भाजपा और नीतीश कुमार के गठबंधन को हराना है। तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े चेहरा हैं।”
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने भी संकेत दिए कि महागठबंधन में सीट बंटवारे की बातचीत अंतिम चरण में है और जल्द ही इसकी घोषणा होगी। बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर या नवंबर में होने की संभावना है, हालांकि चुनाव आयोग ने अभी आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की है।