कर्नाटक विधानसभा चुनाव भाजपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी के सभी दिग्गजों ने पूरे जोरशोर से चुनाव प्रचार किया लेकिन पार्टी को जीत नहीं दिला सकते। हालांकि कांग्रेस की इस जीत के बाद कई भाजपा की विरोधी पार्टियों के सुर बदले हुए से नजर आ रहे हैं। तमाम पार्टियां अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ देने का संकेत देने लगी हैं।

दरअसल, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव यूपी में लोकसभा चुनाव से पहले नए गठबंधन की अटकलों पर विराम लगाते नजर आ रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने बीते महीनों में कांग्रेस के पुराने गढ़ रहे अमेठी और रायबरेली में भी उम्मीदवार उतारने के संकेत तक दे दिए थे। लेकिन अब उनके सुर बदले हुए नजर आने लगे हैं। सपा प्रमुख पर कर्नाटक चुनाव के रिजल्ट का रंग चढ़ने लगा है। उनका रुख अब कांग्रेस को लेकर नरम होते नजर आ रहा है।

इसका अंदाजा अखिलेश यादव के हालिया बयान से लगाया जा सकता है। ये बयान उन्होंने कर्नाटक चुनाव का रिजल्ट आने के बाद दिया है। अखिलेश यादव के इस बयान के आधार पर अब यूपी में फिर से महागठबंधन बनने की अटकलें तेज हो गई है। सपा प्रमुख अब अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ जाने को राजी होते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस को समर्थन देने के संकेत भी दिए हैं. इसके अखिलेश यादव के रुख में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

हालांकि इससे पहले उन्होंने कहा था, “लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी यूपी में अब किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी अपने वर्तमान सहयोगियों के साथ अच्छा तालमेल कर चुनाव लड़ेगी।” सपा प्रमुख के इस बयान से राज्य में किसी नए गठबंधन की अटकलों पर विराम लग गया था। हालांकि अब फिर से उन्होंने अपने बयान से विपक्षी एकता को मजबूत करने वाले संकेत दिए हैं। बता दे अखिलेश यादव ने इससे पहले राज्य मे छोटी-छोटी पार्टियो से गठबंधन कर रहे है। ऐसे मे जिस राज्य मे जो पार्टी भाजपा को रोक सकती है उस रणनीति पर गठबंधन का फार्मूला बताया जा रहा है। ऐसे मे कांग्रेस से गठबंधन करने मे समाजवादी पार्टी का बड़ा सियासी नुकसान नहीं दिख रहा है। ऐसे मे माना जा रहा है की सपा और कॉंग्रेस का गठबंधन लगभग तय है।

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