बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में मनुस्मृति पर शोध से पहले ही विरोध होने लगा है। बहुजन समाज छात्र संगठन ने इसके विरोध में सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू की है। उनका आरोप है कि इसमें बहुत कुछ गलत लिखा है। बीएचयू के संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय के धर्मशास्त्र मीमांसा विभाग को भारतीय समाज में मनुस्मृति की उपादेयता या प्रासंगिकता पर आधारित प्रोजेक्ट शोध के लिए कोविड काल में मिला था।
विभागाध्यक्ष प्रो. शंकर मिश्र को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस से बजट भी मिला है। प्रो. मिश्र ने फेलो की भर्ती प्रक्रिया शुरू की तो विरोध के स्वर तेज हो गए। आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मनुस्मृति लागू नहीं होती है। संविधान में हर किसी को समान अधिकार है। हालांकि, प्रो. मिश्र ने कहा कि मामले में दुष्प्रचार किया जा रहा है। शोध व शिक्षा में किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
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