चुनाव आयोग ने 17 फरवरी को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी थी। शिंदे गुट को ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश भी दिया गया था। इसके बाद से ही उद्धव ठाकरे और संजय राउत भाजपा और शिंदे गुट पर निशाना साध रहे हैं।
इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई में कहा कि उन्होंने मेरा धनुष-बाण छीन लिया, मगर अब खुद प्रभु राम मेरे साथ आ गए। मैंने कल रास्ते पर उतरकर चुनौती दी है कि अगर आप में हिम्मत है तो आप चुराया हुआ धनुष-बाण लेकर सामने आइए और मैं मेरी मशाल लेकर आता हूं फिर देखते हैं क्या होता है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि सभी पार्टियों को अपनी आंखे खुली रखने और सतर्क रहने की जरूरत है। जो शिवसेना के साथ हुआ, जिस तरह से हमारे साथ व्यवहार किया गया, वह आपके साथ भी हो सकता है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आप मेरे पिता का चेहरा चाहते हैं, लेकिन उनके बेटे का नहीं। मैं आपके साथ आने को तैयार था। जब मैं अपने पिता को दिए वादों को पूरा करना चाहता था, तब आपने मुझे धोखा दिया, तो मैं क्या करता? मैं कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, लेकिन कांग्रेस और राकांपा ने मुझे मुख्यमंत्री बनने को कहा। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का नाम लिए बिना कहा कि चुनाव आयोग के आदेश पर मुगैम्बो खुश हुआ।
इससे पहले शनिवार को अपने समर्थकों के साथ बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा था ति प्रधानमंत्री को लगता है कि शिवसेना को खत्म कर देंगे लेकिन शिवसेना कभी खत्म नहीं होगी। उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि उन्हें बालासाहेब ठाकरे का चेहरा चाहिए, उन्हें चुनाव चिन्ह चाहिए लेकिन शिवसेना का परिवार नहीं। पीएम नरेंद्र मोदी को महाराष्ट्र आने के लिए बाला साहेब ठाकरे के चेहरे की जरूरत है, राज्य के लोग जानते हैं कौन सा चेहरा असली है और कौन नहीं।
शिंदे गुट को चुनौती देते हुए ठाकरे ने कहा कि मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अगर वे मर्द हैं तो चोरी का ‘धनुष-बाण’ लेकर भी हमारे सामने आएं, हम ‘मशाल’ लेकर चुनाव लड़ेंगे।’ यह हमारी परीक्षा है, युद्ध शुरू हो गया है। बैठक में पार्टी नेता और प्रवक्ताओं समेत शिवसेना उद्धव बालासाहेब गुट के सभी बड़े नेता शामिल हुए थे। यह बैठक ठाकरे के निवास मातोश्री में हुई।
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